रविवार, 14 दिसंबर 2014

वीर रस (Hindi Poetry - Veer Ras)

अत्यन्त कठिन कार्य करने के उत्साह से रस की उत्पत्ति होती है। वीर रस के चार प्रकार हैं - युद्धवीर, दानवीर, दयावीर और धर्रमवीर।

युद्धवीर
  • स्थायीभाव - उत्साह
  • आलम्बन विभाव - अत्याचार, शत्रु
  • अनुभाव - शत्रु के कार्य
  • संचारी भाव - आवेग, गर्व, असूया, हर्ष, उत्सुकता, वितर्क, धैर्य आदि।
उदाहरण -

मैं सत्य कहता हूँ सखे! सुकुमार मत जानो मुझे।
यमराज से भी युद्ध में प्रस्तुत सदा मानो मुझे।
है और की तो बात क्या, गर्व मैं करता नहीं।
मामा तथा निज तात से भी समर में डरता नहीं॥

दानवीर
  • स्थायीभाव - उत्साह
  • आलम्बन विभाव - दीन व्यक्ति, भिक्षुक आदि
  • उद्दीपन विभाव - दानपात्र की प्रशंसा
  • अनुभाव - याचक का सम्मान
  • संचारी भाव - आवेग, गर्व, हर्ष आदि
उदाहरण -

भामिनि देहुँ सब लोक तज्यौ हठ मोरे यहै मन भाई।
लोक चतुर्दश की सुख सम्पति लागत विप्र बिना दुःखदाई।
जाइ बसौं उनके गृह में करिहौं द्विज दम्पति की सेवकाई।
तौ मनमाहि रुचै न रुचै सो रुचै हमैं तो वह ठौर सदाई॥

दयावीर
  • स्थायीभाव - उत्साह
  • आलम्बन विभाव - दीन, आर्त्त, दुःखी आदि
  • उद्दीपन विभाव - दीनता, कष्ट आदि
  • अनुभाव - सान्त्वना, मधुर वचन आदि
  • संचारी भाव - पुलक, उत्कण्ठा, चपलता आदि
उदाहरण -

लेकिन अब मेरी धरती पर जुल्म न होंगे,
और किसी अबला पर अत्याचार न होगा।
अब नीलाम न होगी निर्धनता हाटों में,
कोई आँख दीनता से बीमार न होगी॥

धर्मवीर
  • स्थायीभाव - उत्साह
  • आलम्बन विभाव - धर्मनिष्ठा
  • उद्दीपन विभाव - धर्म के प्रति श्रद्धा, धर्मग्रंथ का पठन, उपदेशादि
  • अनुभाव - धर्मानुकूल आचरण, धर्मरक्षा आदि
  • संचारी भाव - क्षमा, हर्ष आदि
उदाहरण -

फिरे द्रौपदी बिना वसह, परवाह नहीं है।
धन-वैभव-सुत राजपाट की चाह नहीं है।
पहले पाण्डव और युधिष्ठिर मिट जायेंगे।
तदन्तर ही दीप धर्म के बुझ पायेंगे।

11 टिप्‍पणियां:

  1. श्रीमान मैं आपका हार्दिक स्वागत करता हूं हार्दिक अभिनंदन करता हूं और आप के हिंदी भाषा के प्रति स्नेह को प्रणाम करता हूं और आशा करता हूं कि आप हमें इसी प्रकार अपने अनुभवों से हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे

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  2. बुंदेले हर बोलो के मुख हमने सुनी कहानी थी
    खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी
    इसका स्थायीभाव,आलम्बन विभाव,अनुभाव,संचारी भाव
    बताएं

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    उत्तर
    1. स्थायीभाव उत्साह
      अल्मबनविभाव अत्याचार शत्रु


      अनुभाव शत्रु के कार्य
      संचारी भाव आवेग हर्ष गर्व

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  3. मै सत्य कहता हू सखे सुकुमार मत जानो मुझे
    मे कौन सा छंद प्रयुक्त हुआ है ।

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  4. शान्त रस का उदाहरण स्पष्टिकरण के साथ बताए

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