रविवार, 14 दिसंबर 2014

हास्य रस (Hindi Poetry - Hasya Ras)

विकृत वेशभूषावाली चेष्टा या विकृत असामान्य कथन से उत्पन्न विनोद से जो आनन्द प्राप्त होता है वह हास्य रस (Hasya Ras) कहलाता है।
  • स्थायीभाव - हास्य
  • आलम्बन विभाव - विकृत वेशभूषा, आकार अथवा परिस्थिति।
  • उद्दीपन विभाव - अनोखी आकृति, आचरण आदि।
  • संचारी भाव - हर्ष, चपलता, आलस्य, निद्रा आदि
उदाहरण -

ठगधन मगधन लूटधन और रतनधन खान।
जो घर आवे घूस धन सब धन धूरि समान॥

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