रविवार, 14 दिसंबर 2014

भयानक रस (Hindi Poetry - Bhayanak Ras)

भयंकर जीव-जन्तुओं के दर्शन, वर्णन से भयानक रस की उत्पत्ति होती है।
  • स्थायीभाव - भय
  • आलम्बन विभाव - निर्जन स्थान, हिंसक जन्तु, अंधकार, वन, चोर-डाकू आदि
  • उद्दीपन विभाव - हिंसक जीवों की ध्वनि और चेष्टाएँ, भयंकर दृश्य, निर्जन स्थान आदि
  • अनुभाव - रोना, चिल्लाना, मूर्च्छा, कम्प, स्वेद, रोमांच, पलायन आदि
  • संचारी भाव - भ्रम, ग्लानि, शंका, त्रास, दैन्य, मरण आदि
उदाहरण -

एक ओर अजगरहिं लखि, एक ओर मृगराइ।
बिकल बटोही बीच ही, पर्‌यौ मूर्च्छा खाइ॥

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