रविवार, 14 दिसंबर 2014

रस (Hindi Poetry - Ras)

रस हिन्दी का एक शब्द है जिसका अर्थ होता है 'आनन्द'। वैसे तो बहुत से ऐसे कार्य हैं जिनसे हमें आनन्द का अनुभव होता है, किन्तु काव्य (कविता) के पठन, श्रवण या अभिनय के दर्शन से जिस आनन्द की प्राप्ति होती है वह अत्यन्त अद्भुत तथा अलौकिक होता है। काव्य पठन अथवा श्रवण या अभिनय के दर्शन जिस अलौकिक आनन्द की प्राप्ति होती है उसे ही रस कहा जाता है।

रस को काव्य की आत्मा माना गया है।

रस के प्रकार तथा स्थाई भाव -

श्रृंगार रस -  रति/प्रेम
हास्य रस -  हास
करुण रस -  शोक
वीर रस -  उत्साह
रौद्र रस -  क्रोध
भयानक रस -  भय
वीभत्स रस - घृणा
अद्भुत रस -  आश्चर्य
शांत रस -  वैराग्य
वात्सल्य रस -  वात्सल्य
भक्ति रस -  अनुराग

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